सोमवार, 11 मई 2015

दोहा =एक अलग अंदाज में


*****दोहा =एक अलग अंदाज में ***** [अर्थ सहित]
जग जग ,जग जग ,जग हवै ,जग जग ,जग के गीत  ।
जग जग ,जग जग ,जग जगे ,जग जग, जग सी रीत ।।
********सुरेशपाल वर्मा जसाला [२२ मार्च २०१५]

शब्दार्थ ===जग= संसार ,जागना [जागरण ] , संसार के लोग ,यज्ञ
अर्थ ---
इस संसार में जन जागरण (प्रभु में विश्वास को दृढ करने, एवं मनोसिद्धि  ) के लिए यज्ञ होते हैं। संसार में ऐसे यज्ञ के यज्ञ पुरुष (देवताओं ) के लिए मंगल गीत गाए जाते हैं ,,,इस प्रकार संसार में जन जागरण होता है ,,,यह संसार को जगाने या जागरण की यज्ञ प्रधान रीत /विधि है.। 


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