हिसार (हरियाणा) साक्षी रहा ,,वहां की हवा ,खुशबू साक्षी रही ,,वहां का कण-कण साक्षी रहा ,,''एक अनूठे इतिहास का ''
जहां एक अद्वित्य पुस्तक ''कवितालोक '' [जिसमें श्रेष्ठ रचनाकारों की ,,,शिल्प विधान सहित 82 श्रेष्ठतम रचनाओं को शामिल किया गया है ] के लोकार्पण के पावन अवसर पर ,,,, कवि श्रेष्ठों को सम्मान देकर वहां के संजीदा, मृदुल- हृदया जन-गण ने ऐतिहासिक पलों को सदा-सदा के लिए अपने नाम कर लिया ,,,
चित्र ;;;;;दिनाँक 26 अप्रैल 2015 ;;;;,,
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संपादक : ओम नीरव जी [जिनको काव्य-शिरोमणि सम्मान से अलंकृत किया गया]
प्रबंध संपादक : मनोज मानव जी [जिन्हे कवितालोक रत्न सम्मान से अलंकृत किया गया]
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******{{{{मुझे भी इस ऐतिहासिक भूमि पर ''' कवितालोक रत्न सम्मान''' के साथ-साथ वीर-रस का काव्य-पाठ करने का सुअवसर मिला ,,,और उनके द्वारा मुझ पर उड़ेले गए अथाह स्नेह के लिए,, हिसार की धरा और वहां की सुधि जनता का हृदय की गहराइयों से अभिनंदन एवं वंदन करता हूँ,,,आभार सभी का । }}}}
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@@@@@,,हम सब की ओर से निम्न सभी सफल आयोजन कर्ताओं का हृदयस्पन्दित आभार एवं इन्हें अंतस से अभिनन्दन -पुष्प समर्पित -----
***श्री गुमनाम कवि जी [एडमिन कवितालोक]
***श्री तिलक जैन जी [संयोजक ;;सम्मान समारोह एवं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन ,,हिसार]
***डा. शमीम शर्मा जी [मंच संचालिका ]
***डा. चंद्रशेखर जी [मंच सह संचालक]
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