******मुक्तक ******
( हर आतंकी को फांसी दो ,,फांसी का विरोध करे जो,,उसको भी फांसी दो )
आतंकी की फांसी पर भी ,राजनीति गरमाती है ;
हमदर्दी रखने वालों को ,शरम क्यों नहीं आती है ;
भारत माँ पर कट्टर दुश्मन ,करते हैं आघात सदा ;
चुन-चुन मारो गद्दारों को,फांसी राह दिखाती है।
*****सुरेशपाल वर्मा जसाला [दिल्ली]
( हर आतंकी को फांसी दो ,,फांसी का विरोध करे जो,,उसको भी फांसी दो )
आतंकी की फांसी पर भी ,राजनीति गरमाती है ;
हमदर्दी रखने वालों को ,शरम क्यों नहीं आती है ;
भारत माँ पर कट्टर दुश्मन ,करते हैं आघात सदा ;
चुन-चुन मारो गद्दारों को,फांसी राह दिखाती है।
*****सुरेशपाल वर्मा जसाला [दिल्ली]