*माँ पर एक मुक्तक ********
माँ के आँचल में होता है ,,,,हम सबका सम्मान सखी ;
माँ की ममता ढाल बने औ,,, करती है कल्याण सखी ;
स्वर्ग-धरा का कर सकते हैं ,केवल हम अनुमान मगर ;
माँ के चरणों में तो होता ,,,,,,,, परमानंदी मान सखी.
****सुरेशपाल वर्मा जसाला [दिल्ली]
माँ के आँचल में होता है ,,,,हम सबका सम्मान सखी ;
माँ की ममता ढाल बने औ,,, करती है कल्याण सखी ;
स्वर्ग-धरा का कर सकते हैं ,केवल हम अनुमान मगर ;
माँ के चरणों में तो होता ,,,,,,,, परमानंदी मान सखी.
****सुरेशपाल वर्मा जसाला [दिल्ली]
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