मैं
नहीं
प्रेरित
राजनीति-
के तूफान से,
खोदता हूँ गड्ढा-
श्रम के कुदाल से ।
दोहा ----
मीठी -मीठी आंच पर ,
पकती मीठी खीर ।
मीठे- मीठे बोल से ,
घटती मन की पीर ।।
वर्ण पिरामिड [नव विधा ]---
हे
पार्थ
धनुष
और बाण -
संधान कर,
विषैली अति का-
भू से विनाश कर ।
वर्ण पिरामिड [मेरी नव विधा ] --------
[प्रथम पंक्ति में -1 ,द्वितिय में- 2 ,तृतीय में- 3 ,चतुर्थ में- 4 ,पंचम में- 5 ,षष्ठम
में- 6 और सप्तम में -7 वर्ण होते है ---
हे
प्रभु
दो हमे -
सेवा- शक्ति
अद्भुत -भक्ति
पुष्प सा हर्षित -
हो तन मन सारा ।