गुरुवार, 17 सितंबर 2015

सिपाही

*****देश का सिपाही*****


 भारत माँ के वीर सिपाही ,,अंतकाल तक लड़ना जाने
अरि शोणित की नदी बहाते,आसमान में उड़ना जाने
 टेढ़ी नजरों वाली आँखें,,,,,वो गिद्ध सा धरें फोड़ झपट
 लोहा मानें दुनिया सारी,,,,,,,, पराक्रम ही उनका जाने

*******सुरेशपाल वर्मा जसाला (दिल्ली)

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