बुधवार, 2 सितंबर 2015

**सिंहावलोकनी दोहा मुक्तक **(गौं पालक)**

**सिंहावलोकनी दोहा मुक्तक **
*****गौं पालक*****
वृक्ष तले जब राजते ,गौं पालक घन श्याम ;
श्याम रूप मन मेे बसा,भजते जो निष्काम ;
काम क्रोध संकट कटें ,प्रमुदित मन संसार ;
सार रूप राधे भजो ,भजो कृष्ण का नाम । ।


*****सुरेशपाल वर्मा जसाला (दिल्ली)

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